
श्री अन्न योजना I SHREE ANN YOJNA IN HINDI I SARKARI YOJNA IN HINDI I SARKARI YOJNAYE I GOVT SCHEME I PM MODI YOJNAYE I
इस वर्ष बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के द्वारा एक महत्वपूर्ण योजना का जिक्र बार-बार किया गया I योजना का नाम है श्री अन्न योजना I यह योजना क्या है? सरकार के द्वारा इस योजना से संबंधित जो भी जानकारी दी गई है वह आपको इस एक लेख में उपलब्ध कराई गई है I
क्या है श्री अन्न
अन्न का शाब्दिक अर्थ अनाज होता है , अनाज जो मनुष्य की भूख मिटाता है उसे जीवित रखने में तथा ऊर्जा बरकरार रखने में अपना योगदान देता है I परंतु क्या केवल भूख मिटाना उत्तम स्वास्थ्य का का पर्याय है, इसका उत्तर है, जी नहीं, मानव शरीर को उत्तम स्वास्थ्य के लिए पौष्टिकता से भरपूर अन्न की भी जरूरत होती है I
हमारे देश में सदियों से ऐसी फसलें उगाई जाती रही जो ना केवल हमारी भूख मिटाती रही बल्कि हमारी सेहत को बेहतरीन करती रही I हमारे देश में इस समय मुख्य रूप से गेहूं और चावल के ऊपर निर्भरता है I इन फसलों के अलावा कुछ ऐसी फसलें हैं जो पौष्टिकता से भरपूर है तथा व्यक्ति के संपूर्ण पोषण के लिए उत्तरदाई है I
प्राचीन काल से ही भारत में मोटा अनाज मुख्य रूप से हमारे भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा था परंतु कुछ समय से हम सिर्फ आटा, दाल, गेहूं, चावल तथा इनसे निर्मित खाद्य पदार्थ जैसे मैदा, सूजी, आदि पर ही निर्भर है I मोटा अनाज हमारे भोजन थIल से लुप्त हो गया है I आप की उत्सुकता यह जानने के लिए और भी बढ़ गई होगी कि क्या है वह मोटा अनाज या श्री अन्न जिसने हमारे पूर्वजों को मानसिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ, दीर्घायु रखा I आपके समस्त सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे I श्री अन्न योजना में सरकार ने आपको जो भी जानकारी उपलब्ध कराई है वह भी आज हम यहां पर आपके साथ साझा करेंगे I
क्यों मोटा अनाज को श्री अन्न नाम दिया गया?
संस्कृत में मोटे अनाज को कदन्न कहां जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है निन्नदित् अन्न अर्थात गरीबों का अनाज है I इसकी खेती पुरातन काल से भारतवर्ष में हो रही है ,हमारे वेदों और प्राचीन ग्रंथों में इन्हें “श्री” (लक्ष्मी) एवं श्रीपति (श्री हरि विष्णु भगवान) का प्रिय भोजन कहा गया है Iइस कारण से इन्हें श्रीधान्य फसलें भी कहा गया Iसिंधु सभ्यता में सर्वप्रथम जौ की खेती के प्रमाण प्राप्त हुए हैं I इसी कारण से यह फसलें हमारे लिए ऐतिहासिक, पौराणिक ,धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं ;संभवत इसी को संज्ञान में लेकर सरकार ने इस फसलों से संबंधित योजना का नाम श्री अन्न योजना रखा है I
कौन-कौन सी फसलें आती हैं श्री अन्न में
वित्त मंत्री के द्वारा बताए गए इस योजना के अंतर्गत आने वाले मोटे अनाज में मुख्यता है बाजरा (पर्ल मिलेट) ,ज्वार(सोर्गम ), रागी(फिंगर मिलेट), मक्का कुट्टू, रामदाना, कंगनी(फॉक्सटेल मिलेट), कुटकी, कोदो और सामा I देश के कुछ ग्रामीण इलाकों में आज भी मोटा अनाज हमारे भोजन का हिस्सा है और इसके विपरीत हरित क्रांति के बाद से शहरों में मुख्यता सिर्फ गेहूं और आटे का ही चलन है I जानते हैं इन फसलों की बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें I
- ज्वार, बाजरा, रागी जैसे मोटे अनाज प्रोटीन, फाइबर, बी विटामिन, आयरन, मिनरल्स इत्यादि से भरपूर होते हैं इनके सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है I डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक बहुत उत्तम विकल्प है I
- ज्वार, बाजरा ,कोदो इत्यादि अनाजों को सम्मिलित रूप से अंग्रेजी भाषा में मिलेट कहते हैं I आमतौर पर मिलेट्स में सभी मोटे अनाज को सम्मिलित किया जाता है I विदेश में भी मोटे अनाज का चलन कुछ समय से बड़ा है I
- कम वर्षा वाले क्षेत्रों में मोटे अनाजों को उगाना अन्य फसलों के मुकाबले आसान है क्योंकि इस फसल में कम पानी की आवश्यकता होती है I
- ज्वार को मोटे अनाजों का राजा कहा जाता है कार्बोहाइड्रेट की इसमें भरपूर मात्रा प्राप्त हो जाती है I
श्री अन्न योजना का उद्देश्य
- श्री योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को मिलेट्स उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाना I
- कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि
- कुपोषण को दूर करना
- किसानों की आय को बढ़ाना
भारत को श्री अन्न के लिए वैश्विक केंद्र बनाए रखना इस योजना का महत्वपूर्ण भाग है इसके लिए “भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान हैदराबाद ” को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा I जिससे यह सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों अनुसंधान प्रौद्योगिकी को सIजा कर सके I
श्री अन्न योजना मोटे अनाजों से संक्षिप्त परिचय
जैसा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान मोटे अनाजों श्री अन्न के नाम से संबोधित किया आइए जानते हैं इस योजना में शामिल अनाजों के बारे में संक्षिप्त रोचक जानकारी I
- ज्वार विटामिन बी और प्रोटीन का बहुत ही अच्छा स्रोत है , यहां कम जलवायु वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है I यह एक ग्लूटेन फ्री अनाज है जो हृदय और मधुमेह रोग के रोगियों के लिए फायदेमंद रहता हैI हड्डियों को मजबूत करने ,शुगर लेवल को कंट्रोल करने, पेट में दर्द ,मोटापा कम करने में तथा ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होता है I


- बाजरा (पर्ल मिलेट) यह सोडियम प्रोटीन फाइबर कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख स्रोत है इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा रहती है जो खून की कमी दूर करने में सहायक होती है इसके अलावा एनीमिया मैं भी हो मददगार होता है बाजरे की रोटी खाने से खून की कमी बहुत हद तक दूर किया जा सकता है इसकी रोटियां आसानी से पच जाती है I


- रागी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक (हेल्थ कॉन्शियस ) लोगों के लिए रागी एक नए फूड के रूप में स्थापित हो रहा है I कम वर्षा वाले क्षेत्रों में और जहां पर सिंचाई की सुविधा नहीं है उन क्षेत्रों में भी यह आसानी से हो जाता है, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में ;उत्तराखंड में इसे मडवा के नाम से जाना जाता है I आयरन की पर्याप्त मात्रा तथा शुगर फ्री होने के कारण स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है इस से बने हुए बिस्किट आजकल काफी लोकप्रिय हैं I
- कोदो यह देखने में धान के पौधे की तरह लगता है ,परंतु धान के खेती के विपरीत इसमें कम पानी की जरूरत पड़ती है ,यह भी एक सुपरफूड है , तथा अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है I प्रोटीन फाइबर के कारण इससे फेट (fat) बिल्कुल नहीं होता है इसके अलावा कैल्शियम,आयरन ,पोटेशियम, मैग्नीशियम ,जिंक जैसे मिनरल्स इसमें प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं Iइसकी खेती 12 महीना की जा सकती है यही कारण है कि इसे अकाल का अनाज भी कहा जाता है या गरीब के चावल के नाम से भी प्रसिद्ध है I
- रामदाना का दूसरा नाम राजगिर भी है जो हरा ना होकर लाल होता है I इसमें भी प्रोटीन आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैI उपवास के समय विशेष रूप से इसका सेवन करते हैंI ऊर्जा का संचार करता रहता है, पेट की समस्याओं मैं यह फायदेमंद रहता हैI इसमें मौजूद फाइबर से पेट साफ रहता है, पेट के सूजन में राहत मिलती हैI विशेषज्ञों के अनुसार रामदाना को अपने नाश्ते में शामिल करने से दिन भर आप ऊर्जावान रह सकते हैंI
श्री अन्न योजना संक्षेप में
भारत के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 2023 को मोटे अनाजों का वर्ष घोषित किया गया है I श्री अन्न योजना के के द्वारा कम पानी वाले क्षेत्रों में तथा जहां पर सिंचाई की सुविधा है वहां पर भी हम पौष्टिक अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकते हैंI बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी किसानों को लाभ होगा और कुपोषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है I
योजना | श्री अन्न योजना |
योजना मैं शामिल अनाज | मोटे अनाज जैसे बाजरा ज्वार रागी कोदो रामदाना कुट्टू को दिनी |
उद्देश्य | भारत को मिलेट्स उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाना , किसानों की आय बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाना |
मंत्रालय जिसके अंतर्गत योजना आएगी | कृषि मंत्रालय के अंतर्गत योजना आती है |
मोटे अनाज के संबंध में भारत का विश्व में स्थान | श्री अर्थात मोटे अनाजों में भारत विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक है तथा दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है |
संस्थान जिसका जिक्र बजट भाषण के दौरान किया गया | भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान हैदराबाद |
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श्री अन्न योजना – होने वाले लाभ
- भारत जैसे विकासशील देशों में कुपोषण आम समस्या है जिस पर ज्यादा ध्यान दिया नहीं गया ,आज भी देश में गरीब परिवारों में आधे से ज्यादा 50% से ज्यादा बच्चे अविकसित और कम वजन वाले हैं, इसके अलावा खून की कमी से एनीमिया से प्रभावित बच्चों की संख्या भी काफी हैI विटामिन ए की कमी के कारण अंधेपन की समस्या भी बच्चों में पाई जाती है, ऐसे में बाजरा व अन्य मोटे अनाजों की सहायता से एनीमिया की समस्या को दूर किया जा सकता है I मोटे अनाजों में कैल्शियम ,फास्फोरस ,पोटेशियम ,मैग्नीशियम ,जिंक आयरन की प्रचुर मात्रा होती है जिससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं I
- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु में होने वाले परिवर्तन से फसलों का चक्र भी प्रभावित हुआ है ऐसे में श्री अन्य योजना में शामिल यह मोटे अनाज जो शुष्क जलवायु तथा कम वर्षा वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाए जा सकते हैं I हमारी भोजन की आवश्यकताओं को पौष्टिकता के साथ पूरा करेंगे I
- गरीबों का भोजन माने जाने वाले यह अनाज आज हाई सोसाइटी में काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं लोग अब स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं; तथा इन अनाजों को अपने दैनिक भोजन में शामिल कर रहे हैं , केंद्र सरकार के द्वारा मोटे अनाजों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है; क्योंकि बढ़ती हुई आबादी के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन की जरूरत को यह श्री अन्न पूरा करेंगे I
- भारत विश्व के कई देशों को मोटे अनाज को निर्यात करता है जिससे भारत का विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है
- मंडी में मोटे अनाजों की कीमत कम होने के कारण किसानों को इन अनाजों से ज्यादा आर्थिक लाभ नहीं प्राप्त होता है इसके लिए सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कई राज्यों में बाजरा ज्वार रागी इत्यादि को वितरित करने का कार्य किया गया है
- सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत पोषण से भरपूर इन मोटे अनाजों को बच्चों की थाली में परोसा जा रहा है I
- शिशु आहार ,बेकरी उत्पादों (जैसे बिस्किट ) ,मिठाई ,आइसक्रीम मैं भी इनकी खपत करवाई जा रही है ऐसे में अनाजों के उचित दाम मिलने से एग्रीकल्चर के क्षेत्र में स्टार्टअप की असीम संभावना है , बेरोजगारी दूर करने में सहायक होंगे I
धन्यवाद आपका, समस्त जानकारी के लिए 🙏
बहुत ही उम्दा जानकारी
धन्यवाद