parliament building I संसद भवन
आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का कामकाज नई संसद भवन से शुरु करेंगे तो खबरों मैं है वो पुरानी बिल्डिंग जिस मैं आज से 10 साल पहले बतौर पीएम उन्होंने प्रवेश किया था। दोस्तो पुरानी संसद जो अब इतिहास के पन्नो मैं दर्ज होने जा रही वह एक तांत्रिक यूनिवर्सिटी के नाम से फेमस, देश के एक छोटे से गांव मुरैना मैं बने प्राचीन मंदिर की हुबहू नकल है। आइए जानते हैं इस रोचक कहानी के बारे मैं।
महादेव से है पुरानी संसद से अनोखा नाता
पुरानी संसद जिसे अंग्रेजों के फेमस वास्तुकार लुटियन ने बनाया था। असल मैं वह मुरैना मैं आज भी मौजूद रहस्यमई चौसठ योगिनी मंदिर से प्रेरित है। यह मंदिर 13 वी शताब्दी मैं निर्मित हुआ था। तंत्र साधना वालो का यह विश्वविद्यालय हुआ करता था ।

मंदिर की खासियत
चौसठ कक्षों मैं बना हुआ यह मंदिर गोलाकार है हर एक कमरे मैं महादेव शिव का शिवलिंग और एक योगिनी देवी की मूर्ति स्थापित है, इसलिए इसे एकट्टसो महादेव मंदिर भी कहते है। अंदर और बाहर से हुबहू संसद भवन इसी से मिलता है।1323 ईसवी मैं कच्छप राजा देवपाल ने इसका निर्माण करवाया था।यह ज्योतिष और गणित की पढ़ाई होती थी ।भगवान शिव को 64 योगिनी के साथ तंत्र शक्तियों को प्राप्त करने हेतु यहां पूजा जाता रहा है। आज भी मितावली गांव मैं मौजूद इस मंदिर को रहस्मयी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है माना जाता है कि भगवान शिव की शक्तियों से यह मंदिर हर आपदा से बचा रहता है।
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री का ट्वीट


गोलाकार रूप मै यह वास्तुकला के साथ साथ वाटर मैनेजमेंट का एक बेहतर उदाहरण है । भूकंप रोधी तकनीक का भी इसमें इस्तमाल हुआ था । यह 100 फीट ऊंची एक पहाड़ी पर गोलाकार अंतरिक्ष यान की तरह लगता है।
नया संसद भवन भी है एमपी के ही एक मंदिर की कॉपी
पुरानी बिल्डिंग की तरह नया संसद भवन भी एमपी के एक मंदिर से प्रेरित बताया जा रहा है। इसका नाम है विजय मंदिर जो मध्य प्रदेश के विदिशा मैं है।


चालुक्य राजाओं ने इसका निर्माण करवाया था जिसे परमार वंश के राजाओं द्वारा पुनर्निर्मिति किया। मुगलों मैं औरंगजेब ने इस पर तोप चलाई तो बाद मैं मराठों ने इसका जीर्णो धार करवाया।