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चंद्रयान मिशन 2023 Chandrayan Mission 2023 इसरो के तीनों मिशन की संपूर्ण जानकारी हिंदी में

चंद्रयान मिशन 2023 Chandrayan Mission 2023 I ISRO I CHANDRAYAN MISSION IN HINDI I CHANDRAYAN 1 HINDI MAI I CHANRAYAN 2 HINDI MAI I CHANDRAYAN 3 IN HINDI I

23 अगस्त 2023 को जब इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन-ISRO ) के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 ने सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की तो ऐसी उपलब्धि प्राप्त करने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया I हालांकि रूस ,अमेरिका व चीन भी चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करा चुके हैं ,परंतु चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक आज तक कोई नहीं पहुंच पाया था I इस मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की है I यह कामयाबी अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के बढ़ते दबदबे को दर्शाती है I सभी भारतीयों ने गौरवान्वित होकर सभी वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की I इस सफलता के पीछे भारत के पिछले दो चंद्र मिशन चंद्रयान मिशन 1 , चंद्रयान मिशन 2 की भी महत्वपूर्ण भूमिका है I इस लेख के माध्यम से आपको इन तीनों मिशन के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी इसके लिए आपको इस पेज को अंत तक पढ़ना होगा I

चंद्रयान मिशन

चंद्रयान मिशन 1

पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह चंद्रमा पर अपने प्रथम चंद्र अभियान की शुरुआत इसरो ( इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन-ISRO ) के द्वारा 22 अक्टूबर 2008 को की गई I PSLV रॉकेट के माध्यम से सतीश धवन केंद्र श्रीहरिकोटा से इसे लांच किया गया था I इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की कक्षा में स्थापित होना था, 12 नवंबर 2008 को सफलतापूर्वक चंद्रमा से 100 किलोमीटर की दूरी में एक वृत्ताकार कक्षा में चंद्रमा का चक्कर लगाने लगा I इस प्रकार चंद्रमा की कक्षा में अपना पहला मानवरहित अंतरिक्ष यान भारत में सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया था I

चंद्रयान मिशन 1 उद्देश्य

  • मिशन का पहला उद्देश्य चंद्रमा की कक्षा में भारत का पहला मानव रहित अंतरिक्ष यान स्थापित करना था I
  • चंद्रमा में मौजूद खनिजों रसायनों का पता लगाने हेतु 3D फोटो लेना I
  • चंद्रमा सतह पर जल व बर्फ की खोज करना

चंद्रयान मिशन 1 में भेजे गए उपकरणों के नाम

  • चंद्रयान मिशन 1 में M3 नाम का नासा का उपकरण भेजा गया था जिसका पूरा नाम मून मिनरलोजी मैंपर था इसका मुख्य काम जल, वाष्प एवं बर्फ में में अंतर पता करना था
  • इसके अलावा मून इंपैक्ट क्राफ्ट भी चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव पर गिराया गया था इसका वजन 29 किलो था गिरते हुए इसने चंद्रमा की तस्वीरें खींची I

चंद्रयान मिशन 1 के परिणाम

  • चंद्रयान मिशन 1 अपने मिशन में पूर्णतया सफल हुआ इसने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया I इसने यह पता लगाया चांद की जमीन पर बर्फ के रूप में जल मौजूद है जिसकी पुष्टि नासा के द्वारा 2018 मैं की गई I इसके द्वारा भेजी गई तस्वीरों से पता चला की चंद्रमा में होरिजेंटल गुफाएं मौजूद है जिन्हें लावा क्यूब कहा गया I

चंद्रयान मिशन 2

  • चंद्रयान मिशन 1 की सफलता से उत्साहित वैज्ञानिकों ने अब चंद्रयान मिशन 2 की तैयारी शुरू कर दी तथा शुरू में रूस ,भारत इस मिशन में एक साथ काम कर रहे थे ;जिसमें लैंडर का निर्माण रूस के द्वारा होना था परंतु बाद में रूस ने इस में असमर्थता जताई I भारत ने यह मिशन अकेला ही पूरा करने का प्रण लिया I अबकी बार भारत ने अपने चंद्रयान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का लक्ष्य निर्धारित किया I

चंद्रयान मिशन 2 लॉन्च डेट

22 जुलाई 2019 सतीश धवन केंद्र श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी के माध्यम से चंद्रयान मिशन 2 का आगाज हुआI जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट की यह पहली परिचालन उड़ान थी I 20 अगस्त 2019 को यह चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया था I

चंद्रयान मिशन 2 उद्देश्य

  • चंद्रमा की सतह का अध्ययन करना वहां पर मौजूद रसायनिक तत्वों का पता लगाना I
  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग कराना I

चंद्रयान मिशन 2 में भेजे गए उपकरणों के नाम

इस मिशन में ऑर्बिट , लेंडर तथा रोवर भेजा गया लेंडर का नाम भारत में अंतरिक्ष विज्ञान के जनक श्री विक्रम साराभाई के नाम पर के सम्मान पर विक्रम लैंडर रखा गया तथा रोवर जोकि 6 पहियों वाला रोबोट वाहन है हैं इसे प्रज्ञान नाम दिया गया संस्कृत में प्रज्ञान शब्द का अर्थ बुद्धिमता होता है यह विक्रम लैंडर के अंदर मौजूद था I विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के पश्चात प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर चहल कदमी करके हुए डाटा इकट्ठा करना था I

चंद्रयान मिशन 2 परिणाम

चंद्रमा की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी पर विक्रम लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण इसका संपर्क इसरो (ISRO) से कट गया तथा सफलता से मात्र दो कदम दूर रह गया, हालांकि इसे पूर्णतया असफल नहीं माना जा सकता क्योंकि आर्बिटर ने डाटा एकत्र करने का अपना कार्य पूरा किया यह अभी भी कार्यरत है I इसने chandrayaan3 के लेंडर की तस्वीर अपने हाई रेजोल्यूशन कैमरे से खींची जिसे इसरो ने जारी किया I

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चंद्रयान मिशन 3

चंद्रयान मिशन 2 के तुरंत बाद इसरो ने chandrayaan3 की चंद्रयान मिशन 3 की तैयारियां शुरू कर दी I अबकी बार पिछली गलतियों से सबक लेते हुए चंद्रयान में उन्नत संस्करण के उपकरण लगाए गए जिससे उसकी गति नियंत्रित की जा सके तथा सॉफ्ट लैंडिंग सुरक्षित तरीके से की जा सके I

चंद्रयान मिशन 3 लॉन्च डेट

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने एलएमवी 3 रॉकेट की मदद से 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया,
  • 5 अगस्त 2023 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया था I 23 अगस्त 2023 को इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम अंकित करते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बना I
  • अब तक केवल 3 देश अमेरिका, रसिया (तत्कालीन सोवियत संघ ) व चाइना ने ही चंद्रमा की धरती पर अपने लेंडर उतारे हैं लेकिन भारत से पहले दक्षिणी ध्रुव पर कोई भी देश नहीं पहुंच पाया था I

चंद्रयान मिशन 3 उद्देश्य

  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान की सुरक्षित व सॉफ्ट लैंडिंग करवाना I
  • प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी करवाना एवं डाटा एकत्र करना I
  • चंद्रमा की सतह पर होने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त करना जैसे चंद्रमा में आने वाले भूकंप का अध्ययन चंद्रमा की सतह के तापीय गुण क्या क्या है एवं पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का सही अंदाजा लगाना I
  • इस मिशन में रोवर 1 चंद्र दिवस तक चंद्रमा की सतह का अधिक से अधिक अध्ययन करेगा क्योंकि सूर्यास्त के बाद वहां पर गहरा अंधेरा छा जाएगा तथा तापमान 180 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाएगा ऐसे में सिस्टम का काम करना संभव नहीं हो पाएगा आपको बता दें एक चंद्र दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है I

चंद्रयान मिशन 3 महत्वपूर्ण उपकरणों के नाम

चंद्रयान मिशन 2 की तरह लैंडर का नाम विक्रम है तथा रोवर का नाम का नाम प्रज्ञान है

  • लेंडर तथा रोवर में कुल मिलाकर 5 पैलोड लगे हैं इनमें से एक पैलोड नासा का भी है संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
  • रंभा एलपी-यहां चंद्र सता के निकट के प्लाज्मा का अध्ययन कर रहा है
  • चेस्ट-चंद्रमा की सतह के सभी गुणों का तापीय गुणों का अध्ययन करेगा
  • इलसा -भूकंप के अध्ययन हेतु
  • एल आई बी एस-लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप-लैंडिंग स्थल के आसपास मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना का पता लगाने के लिए यह रोवर में लगा हुआ है I
  • अल्फा पार्टिकल x-ray स्पेक्ट्रोमीटर चंद्रमा की सतह का अध्ययन करें चंद्रमा की रासायनिक संरचना तथा खनिजों का पता लगाने के लिए यह पैलोड भी रोवर में संलग्न है I

चंद्रयान मिशन 3 परिणाम

  • चंद्रयान मिशन 3 मैं अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करते हुए 23 अगस्त को चांद की सतह पर सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग कर ली I विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर ने बाहर निकल कर चहल कदमी भी शुरू कर दी है तथा अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है I
  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला तथा एकमात्र देश भारत है I
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्र मिशन की सफलता पर 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है I
  • Chandrayaan3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है उसका नाम शिवा शक्ति केंद्र रखा जाएगा इसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की I
  • 2019 में जिस स्थान पर chandrayaan2 लैंडर ने अपने पद चिन्ह छोड़े थे उसे अब तिरंगा पॉइंट के नाम से जाना जाएगा I


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